Tuesday, 17 July 2012

आया बदरा तन भीग गया

पत्ता पत्ता धुल कर दमका

बिजली के संग मौसम चमका
...
छाया बदरा मन भीग गया

जन जन का पुलकित गात हुआ

बहका सा पीपर पात हुआ

अपनू को देख फला फूला

महका महका जज्बात हुआ

पत्ता पत्ता वन भीग गया

आया बदरा तन भीग गया

स्वरचित

जितेन्द्र मणि

No comments:

Post a Comment