आया बदरा तन भीग गया
पत्ता पत्ता धुल कर दमका
बिजली के संग मौसम चमका
...
छाया बदरा मन भीग गया
जन जन का पुलकित गात हुआ
बहका सा पीपर पात हुआ
अपनू को देख फला फूला
महका महका जज्बात हुआ
पत्ता पत्ता वन भीग गया
आया बदरा तन भीग गया
स्वरचित
जितेन्द्र मणि
पत्ता पत्ता धुल कर दमका
बिजली के संग मौसम चमका
...
छाया बदरा मन भीग गया
जन जन का पुलकित गात हुआ
बहका सा पीपर पात हुआ
अपनू को देख फला फूला
महका महका जज्बात हुआ
पत्ता पत्ता वन भीग गया
आया बदरा तन भीग गया
स्वरचित
जितेन्द्र मणि
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