दिल ऐ नादां ने इन्तेजार ऐ जुस्तजू की है
उसने भी तो नहीं आने की आरजू की है
कज़ा के वक़्त भी पलके बिछाए बैठे है
...
तेरी रहो पे ही नज़र जमाये बैठे है
इश्क की राह मे वजूद ही निसार दिया
बिछा के जिस्म को सर को झुकाए बैठे है
दिल ही जब लुट गया जब यार ही इस उल्फत मे
हम तो खुद अपनी खुदी को मिटाए बैठे है
जान निकली मगर दीदार इ आरजू न गयी
तेरी बाहों मे फ़ना हूँ ये जुस्तजू ना गयी
मेरा तो पाक जज्बा पाक प्यार है मेरा
यार के नाम पे हमने सदा वजू की
उसने भी तो नहीं आने की आरजू की है
कज़ा के वक़्त भी पलके बिछाए बैठे है
...
तेरी रहो पे ही नज़र जमाये बैठे है
इश्क की राह मे वजूद ही निसार दिया
बिछा के जिस्म को सर को झुकाए बैठे है
दिल ही जब लुट गया जब यार ही इस उल्फत मे
हम तो खुद अपनी खुदी को मिटाए बैठे है
जान निकली मगर दीदार इ आरजू न गयी
तेरी बाहों मे फ़ना हूँ ये जुस्तजू ना गयी
मेरा तो पाक जज्बा पाक प्यार है मेरा
यार के नाम पे हमने सदा वजू की
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