Tuesday, 17 July 2012

दर्द के दरिया में जब पहला क़दम मेरा पड़ा

दर्द का मैं दर्द सह कर दर्द से मैं रो पडा

दर्द में हमदर्द कोई हो जो समझे दर्द को
...
दर्द का प्याला अकेले दर्द में मैं पी गया
दर्द बढ़ता जा रहा था दर्द को सहना पड़ा

दर्द से बचने की खातिर दर्द से लड़ना पड़ा

दर्द तो बेदर्द था वो दर्द को क्या जानता

दर्द ही हावी रहा हर दर्द पे मैं रो पड़ा

1 comment:

  1. bahut hi badhiya......really a police officer can be such a nice person.cant believe....u r great..hats off.

    regards.

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