Friday, 27 July 2012


     माँ की याद मे

आज दिल खोल करके रोऊँगा

अब नहीं माँ जो चुप कराएगी

वो नहीं है जो प्यार से मुझको

वो मधुर लोरियाँ  सुनाएगी

भर के ममता से अब नहीं माता

हाथ सर पर मेरे फिराएगी

अब नहीं है जो लाख  गलती हो

मुझको पापा से वो बचायेगी

कितने करके जतन नहीं अब वो

निवाला मुझको अब खिलाएगी

छोड़ कर क्यों गये ओ माँ मेरी

मुझको ऐसे तू क्यों रुलाएगी

क्या नहीं सोंचा ये कभी तूने

याद कितना मुझे तू आयेगी

जितेन्द्र मणि

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