अन्ना हजारे को समर्पित
मुझको एक बात बाबा
आपको बतानी है
बात गहरी है दिल मे
सीधे उतर जानी है
आग से खेलना आसान
नहीं है बाबा
सम्हलना आग से ये
उंगलियाँ जल जानी है
आज के दौर मे सत्य
और अहिंसा का सवाल
दौर बदला हुआ खादी
हुई बेमानी है
जजीरा हो के संमन्दर
से अदावत न करें
आप है टापू ,मगर
चारो ओर पानी है
कौन है चाहता ईमान
से जो काम करे
सभी करते है अपनी ही
मनमानी है
कुछ तो है बात इस
फिराक ,बद्र में जो “मणि”
आज तक दुनिया उनके
नगमे की दीवानी है
No comments:
Post a Comment