Tuesday, 17 July 2012

अब तो कोई नया मजहब ही चलाओ यारो
अब नहीं हिन्दू मुसलमान बनाओ यारो
हमको शैतान बना देती है बाते उनकी
उन हफीजो को भी ये बात बताओ यारो
है सभी जल रहे नफरत की गर्म भट्टी मे
... करो बरसात ऐ अमन आग बुझाओ यारो
तुम भी दावा अगर इंसानियत का करते हो
हो के इंसान ना इंसान को खाओ यारो
अन्धेरा नफरतो का अब तो दूर कर दो मणि
जलो खुद भी मेरा हर क़तरा जलाओ यारो
बडे भजन शबद अजान कर लिए तुमने
अब तो इंसानियत के गीत भी गाओ यारो

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