Tuesday, 17 July 2012

तेरे पाओं में माँ इस दो जहा की दौलत है

तेरे हाथो मे माँ खुदा के जैसी बरक़त है

पाँव छू लेना तो लगता मुझे इबादत है
...
खुदा को भी कहा नसीब है पाकीजगी ये

खुदा से बढ़ के माँ रुतबा है तेरी शोहरत है

तेरे हाथो से निवाला जो मैने खाया है

लोरिया गा के तूने गोद मे सुलाया है

तेरी तारीफ़ तो दिया दिखाना सूरज को

मेरी माँ तू तो बस खुदा का ही सरमाया है

तेरी दुआओं से हासिल मुझे मक़ाम हुआ

था मैं जर्रा ,अब शुमारो मे मेरा हुआ

तेरी दुआ से हर एक राह खुशगवार हुई

हो दिन या रात संग तेरे चलती तेरी दुआ

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