ये लकीरो बस खेल है
मुझें तुझसे कोई गिला नहीं
जो खुदा ने रहम नहीं
किया तेरी बेवफाई से सिला नहीं
खुशियो के पल मेरे
हिस्से मे परवरदिगार न दे सका
मेरी जिंदगी चादर है
वो पैबन्द जिस्स्मेय टका टका
अब खार रास ही आ गए
वो रिश्ता मुझसे निभा गए
इस मतलबी दुनिया मे
वो ,बेगरज साथ निभा गये
उन
सुर्ख फूलों का क्या करे जो ताप से मुरझा गये
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