जो तू निगाह कर तो करम इ खुदा हूँ जाये
हौसला मेरा हिमाला से बड़ा हो जाए
जहा को जीत के कदमो पे तेरे रख दू मैं
...
न खुदा गर तू कभी मेरा खुदा हो जाए
तुझे बसा लू मैं अपने ह्रदय के मंदिर मे
मेरा भी दिल तो एक बड़ा शिवाला हो जाये
स्वरचित
जीतेन्द्र मणि
सहायक आयुक्त पुलिस
पी सी आर
पुलिस मुख्यालय
हौसला मेरा हिमाला से बड़ा हो जाए
जहा को जीत के कदमो पे तेरे रख दू मैं
...
न खुदा गर तू कभी मेरा खुदा हो जाए
तुझे बसा लू मैं अपने ह्रदय के मंदिर मे
मेरा भी दिल तो एक बड़ा शिवाला हो जाये
स्वरचित
जीतेन्द्र मणि
सहायक आयुक्त पुलिस
पी सी आर
पुलिस मुख्यालय
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