दिल की आवाज
सर को सीने पे रख के चैन से सोने दे जरा
धडकने दोनों दिल की एक तो होने दे जरा
सारे शिकवे गिले भी दूर ही हो जायेंगे
तू तुझमे एक बार मुझको तो खोने दे जरा
मैं जहा को तेरे क़दमो पे झुका सकता हूँ
बस एक बार मुझे तेरा तो होने दे जरा
दिल में दुनिया का ही गुबार छुपा रखा है
उसे बह जाने दे अब चैन से रोने दे जरा
मेरी बेचैनिया भी तभी चैन पाएंगी मणि
तेरे ही प्यार में बेचैन तो होने दे जरा
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jitendra mani
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