अंधेरा ही निगल
जायेगा
जो चाँद
खुद किसी की
ले पनाह
रोशन हो
वो चाँद
ख़ाक अँधेरा
मिटा भी
पायेगा
जो अपने
नूर से दुनिया
को करता
हो रोशन
ऐसा सूरज
तलाश
अँधेरा
मिटाएगा
जरा जल्दी
से रोशनी
का करले
इंतज़ाम
वरना तो
तुझको अंधेरा
ही निगल
जाएगा
जितेन्द्र मणि
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