सारी
दुनिया एक अँधेरा माँ का नाम उजाले जैसा
सारी दुनिया एक
अँधेरा माँ का नाम उजाले जैसा
दुनिया तो चरणों की
रज है माँ का नाम हिमाले जैसा
दुनिया भूख प्यास
लाचारी माँ का नाम निवाले जैसा
दुनिया छल है लोभ
कुटिलता माँ का नाम शिवाले जैसा
माँ तेरे बिन जीवन
मेरा फूट गये से छाले जैसा
कांटो भारी रह लगती
है कांटे लगते भाले जैसा
माँ तो बस होती है माँ
ही कोई नहीं तुम्हारे जैसा
जितेन्द्र
मणि
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