Tuesday, 14 August 2012


सारी दुनिया एक अँधेरा माँ का नाम उजाले जैसा

सारी दुनिया एक अँधेरा माँ का नाम उजाले जैसा

दुनिया तो चरणों की रज  है माँ का नाम हिमाले जैसा 

दुनिया भूख प्यास लाचारी माँ का नाम निवाले जैसा

दुनिया छल है लोभ कुटिलता माँ का नाम शिवाले जैसा

माँ तेरे बिन जीवन मेरा फूट गये से छाले जैसा

कांटो भारी रह लगती है कांटे लगते भाले जैसा

माँ तो बस होती है माँ ही कोई नहीं तुम्हारे जैसा

जितेन्द्र मणि

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