ये दिल की बात है
दिमाग से न तोल इसे
ये दिल की बात है
दिमाग से न तोल इसे
सही गलत मे सच मे
झूठ मे ना तोल इसे
ये वो मंदी है जहा
दिल पे दांव लगते है
सभी उडाते है यहाँ
प्यार के परों पर ही
किसी आशिक के पाव
क्या जमी पे लगते है
दिल की बाज़ी मे है
कीमत नहीं अमीरी की
कभी सिकके की खनक से
नहीं तू तोल इसे
ये दिल की बात है
दिमाग से न तोल इसे
जितेन्द्र मणि
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