जज्बे के बिना कोई
सिकंदर नहीं होता
चलने के लिए राह
नहीं चाहिए हिम्मत
जज्बे के बिना कोई
सिकंदर नहीं होता
कितने तो दरिया आप
समां जाते है इसमे
दरिया कभी भी आप
समंदर नहीं होता
म्हणत से तुम बटोर
लो ये खाब के मोती
कोई भी टाटा बिरला
कलंदर नहीं होता
जितेन्द्र मणि
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