दुआ
मेरी एक दुआ तो कबूल
कर
मेरी हमसफ़र वो बने
कभी
मेरे साथ हाथों मे हाथ
ले
मेरे साथ मे वो चले
कभी
हो मेरी दुआओं मे
खाब मे
मेरी हसरतो मे मिले
कभी
मेरी राह को तु सवांर
दे
मेरी चाहतों के फूल
से
मेरा जन्नतों सा हो
ये सफर
चाहे इसके आगे सफर न
हो
चाहे इसके बाद किसी
दुआ का
मेरे मौला कोई असर न
हो
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