Sunday, 5 August 2012


मेरे मौला कर तू करम ज़रा तेरी रह्मती का कमाल हो



मेरे मौला कर तू करम ज़रा

तेरी रह्मती का कमाल हो

कोई हो न अब कही गमज़दा

हर माँ के हाथ मे लाल हो

तेरी सब पे नज़र बनी रहे

हर ओर तेरा ज़लाल हो

हो हर कहीं अमन ओ सुकून

हर  जिन्दगी खुशहाल हो  

सब मिल के संग रहे यहाँ

ये बात एक मिसाल हो

इंसानियत बने सभी

के वास्ते धरम

सब एक है सब पर उसी

अल्लाह का करम

है भाई कोई हम सभी मे

ये कभी ना खयाल हो

जितेन्द्र मणि


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