Thursday, 6 September 2012


मेरी जाँ लिए बैठे है

कितने गुम सुम से वो जो

लव को सिए बैठे है

है मेरी जाँन वो  मेरी

जाँन लिए बैठे है 

सुकून ओ चैन मैने अपना

 उनके नाम किया  

दिल तो था ही उन्ही का

दे के बस सलाम किया

मेरा दिल ले लिया देने मे

क्यों वो ऐठे है

जितेन्द्र मणि

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