मेरी जाँ
लिए बैठे है
कितने गुम सुम से वो
जो
लव को सिए बैठे है
है मेरी जाँन
वो मेरी
जाँन लिए बैठे
है
सुकून ओ चैन मैने
अपना
उनके नाम किया
दिल तो था ही उन्ही
का
दे के बस सलाम किया
मेरा दिल ले लिया
देने मे
क्यों वो ऐठे है
जितेन्द्र
मणि
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