Friday, 12 April 2013


मुझको है उस से प्यार ,प्यार नहीं मंजिल से

 

खुदा करे की सारी

उम्र ना मिले मंजिल

दौर ए तूफ़ान रहे

हमको ना मिले साहिल

उसने मंजिल तलक ही साथ

का वादा है किया

अपना ये हाथ बस मक़ाम

तक ही उसने दिया

साथ चलने को वो राज़ी

हुआ है मुश्किल से

मुझको है उस से प्यार

प्यार नहीं मंजिल से

जितेन्द्र मणि

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