Thursday, 15 November 2012




तन्हाई उनके जाते ही पहलू मे आ गयी

खाबो मे खयालो मे इस क़दर से छा गयी

होने ना दिया एक पल भी तनहा फिर मुझे

तन्हाई संग थी ,नहीं तनहा किया मुझे

इतनी तो वफ़ा मुझसे तन्हाई निभा गयी

उनसे जियादा साथ मेरा ये निभा गयी

जितेन्द्र मणि

अतिरिक्त उपायुक्त

पी सी आर

   

1 comment:

  1. तनहाई की वफा को मैने इस तरह है जाना,
    जीना सिखाती यह हर पल जहाँ गैर है जमाना।

    रचना:
    प्रतीक संचेती

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