Monday 23 July 2012


         कभी रुसवा न होना

कभी रुसवा न होना जिन्दगी दुश्वार लगती है

तुम्हारे संग तो वीरानिया गुलजार लगती है

तुम्हे पाकर ही जाना जिन्दगी होती है जिंदादिल

मेरी तनहाईयाँ आने से तेरे बन गयी महफ़िल

तुम्हारे बिन भवर मे नैया बिन पतवार लगती है

कभी ------------------------जिन्दगी ---------------है

तुम्ही हो जिन्दगी मेरी तुम्ही हो बंदगी मेरी

तुम्हारे पास होना ही अब तो हर खुशी मेरी

तुम्हारे बिन तो हमदम जिन्दगी लाचार लगती है

कभी ---------------------जिन्दगी -----------------है

तुम्हारे संग पथरीली डगर बनती गयी गुलफाम

तुम्ही हो आरजू मेरी तुम्ही दिल का बनी अरमान

तुम्हारे बिन मेरी बगिया बिना गुल खर लगती है

कभी---------------------जिन्दगी-------------------है                   


No comments:

Post a Comment