Monday 16 July 2012

हम किस तरफ को ले के जा रहे है धर्म को.....



 हम किस तरफ को ले के जा रहे है धर्म को

हम नफरती फितरत मे गए भूल शर्म को

अब देखिये जिधर भी वही पर है जात पात

भाषा मे धर्म देश मे है बात गए जज्बात

पंडित को मौलवी को जरा देखिये तो आप

इश्वर खुदा की जगह मस्जिद मंदिरों की बात

मस्जिद भी है मंदिर भी है,भगवान् है कहा

सब छोड़ खुदा करते है दीवार ओ दर की बात

इनके ही भाषणों से बिगडे देश के हालात

जब हम ही ना रहे तो क्या करेंगी मस्जिदे

किस के लिए बनेगे ये मंदिर औ ये बुते

पहले यहाँ रहने दो तू इंसानियत को फिर

तुम शौक से बनाओ तब मस्जिद और ये मंदिर

No comments:

Post a Comment